घर में पारद शिवलिंग होने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जिस घर में पारद शिवलिंग की पूजा होती है, वहां स्वयं भगवान शंकर का वास होता है।
यह घर के वातावरण को सुखमय और समृद्ध बनाता है।
अर्थात मिट्टी अथवा पत्थर के शिवलिंग के पुजन करके करोड़ों गुणाअधिक फल स्वर्ण निर्मित शिवलिंग के पुजन से मिलता है स्वर्ण से करोंड़ो गुना अधिक फल मणि और मणि से करोड़ो गुणा अधिक फल बाल लिंग नर्मदेश्वर के पूजन से प्राप्त होता है तथा नर्मदेश्वर बाललिंग से भी करोड़ो गुणा अधिक फल पारद शिवलिंग के पूजन या दर्शन से ही प्राप्त हो जाता है।
१२ ज्योतिर्लिंगाचे पूजन केल्याचे जेव्हढे फळ आहे ते एकट्या पारद शिवलिंगच्या पूजेत सामावलेले आहे.
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घर में धातु का बना हुआ शिवलिंग ही रखना चाहिए।
बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना।
जानें पारद शिवलिंग के महत्व, इस विधि शिवलिंग पूजा-उपासना से भगवान होगा प्रसन्न
श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!
वास्तु शास्त्र के हिसाब से शिवलिंग की जलधारा हमेशा उत्तर की ओर होनी चाहिए। यह काफी शुभ माना जाता है। किस तरह more info का शिवलिंग रखना शुभ
आपको अपने घर में बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।
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पुढील लेखात शिव अभिषेख ची अजून माहिती सादर करेन.
नंतर गायीचे कच्या दुधाने अभिषेक करून पुन्हा गंगाजल ने अभिषेक करावा.